शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली - आर्बिट्रेज
आर्बिट्रेज : एक शेयर बाजार से निर्धारित शेयरों की कम भाव पर खरीदारीी करके उसे दूसरे बाजार में ऊंचे भाव पर बेच देने की प्रवृत्ति को आर्बिट्रेज कहा जाता है। उदाहरण स्वरूप बीएसई पर एबीसी कंपनी के शेयर 145.20 रू. के भाव पर खरीद कर उसी समय एनएसई पर 145.30 रू. पर बेच देने की प्रक्रिया को आर्बिट्रेज कहते हैं। इस प्रकार आपको 10 पैसे का अंतर मिलता है। ये सौदे एक ही समय किये जाते हैं तथा इसमें बड़ी संख्या में सौदे किये जाते हैं। पुराने समय में एक ही समय पर एक ही स्क्रिप के अलग-अलग भाव हुआ करते थे परंतु अब ऑन लाइन ट्रेडिंग सुविधा होने से इसकी मात्रा काफी घट गयी है। अब इस प्रकार के सौदों में भाव का अंतर काफी कम होता है, परंतु भारी मात्रा में सौदे होने से इनमें भरपूर लाभ अर्जित होता है। इस प्रकार का कारोबार करने वालों को आर्बिट्रेजर कहा जाता है। कई बार एक ही कमोडिटी, करेंसी या सिक्युरिटीज के तीन चार एक्सचेंज पर अलग-अलग भाव अंतर पर सौदे होते हैं, जिसमें एक बाजार से नीचे भाव में खरीद कर दूसरे बाजार में ऊंचे भाव पर बेचा जाता है। यहां महत्वपूर्ण यह है कि ये सौदे दोनों एक्सचेंजों पर एक ही समय पर किये जाते हैं। ब्रोकर इस काम के लिए विशेष स्टॉफ रखते हैं, जो बीएसई और एनएसई दोनों पर भरपूर मात्रा में सौदे करते रहते हैं।
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